Brave New World: सोचने-समझने की आजादी के बिना सबसे संपन्न दुनिया भी एक जेल से ज्यादा कुछ नहीं
किताब ब्रेव न्यू वर्ल्ड (Brave New World) में उस दौर में हमारे आधुनिक राष्ट्र-राज्यों (Nation-States) की कल्पना की गई है, जब उनकी महत्वाकांक्षा पूरी हो चुकी है. जिस दुनिया में देशभक्तों की अपने देश को अभेद्य, सबसे ताकतवर, शक्तिशाली और स्थिर बनाने जैसी कल्पनाएं साकार हो चुकी हैं.