
पुस्तक मेला विशेष: वे किताबें जिनके बिना एक ‘भारतीय’ की बुकशेल्फ हमेशा अधूरी है
विश्व पुस्तक मेले का दिल्ली के प्रगति मैदान में आज से आगाज़ हो रहा है. ऐसे में कई नई-पुरानी किताबों की चर्चा होगी. पर मैं थोड़ा ओल्ड स्कूल हूं और इस मामले में भारतीय चिंतन परंपरा की पारायण विधा को ज्यादा सही मानता हूं. जिसके हिसाब से बहुत सी किताबों को पढ़ने की बजाए कुछ ही किताबों को बार-बार पढ़ने की परंपरा है. ऐसे में मेरी लिस्ट में शामिल यह 23 किताबें भी शायद ज्यादा है. पर इनके नाम कई बार की कांट-छांट के बाद रखे गये हैं.
अत: अगर आप एक सजग नागरिक हैं या होना चाहते हैं. अपने अधिकारों, परिवेश और परंपराओं के प्रति तर्कपूर्ण समझ विकसित करना चाहते हैं तो आपको ऐसा करने में यह किताबें सबसे ज्यादा मदद करेंगी. इसलिये पुस्तक मेला जाइये तो इस लिस्ट को खोलिये और सबसे पहले इन किताबों को चुनिये क्योंकि बाकी दुनिया का ज्ञान समेट पाने के लिये यह किताबें ही आधारशिला बनेंगी-
1. भारतीय संविधान- ग्रेनविल ऑस्टिन
2. प्राचीन भारत का इतिहास- रामशरण शर्मा
3. दक्षिण भारत का इतिहास- के. ए. नीलकंठ शास्त्री
4. मध्यकालीन भारत का इतिहास- इरफ़ान हबीब
5. भारत का स्वतंत्रता संग्राम- विपिन चंद्र
6. भारत गांधी/नेहरू के बाद- रामचंद्र गुहा
7. विश्व इतिहास की झांकियां- जवाहरलाल नेहरू
8. हिंद स्वराज- महात्मा गांधी
9. संस्कृति के चार अध्याय- रामधारी सिंह दिनकर
10. रस्साकसी- वीरभारत तलवार
11. नारीवादी राजनीति- साधना आर्या, निवेदिता मेनन, जिनी लोकनीता
12. भारतीय अर्थतंत्र, विकास और संस्कृति- अमर्त्य सेन
13. कर्फ्यूड नाइट- बशारत पीर
14. द नक्सलाइट मूवमेंट इन इंडिया- प्रकाश सिंह
15. व्हाट इज वर्थ टीचिंग- कृष्ण कुमार
16. टॉकिंग फिल्म्स- जावेद अख्तर के साथ सिनेमा पर बातचीत: नसरीन मुन्नी कबीर
17. अर्थव्यवस्था, अमर्त्य सेन और ज्यां द्रेज की एन अनसर्टेन ग्लोरी
18. अंतिम मुगल: विलियम डेलरिंपल
19. मिडनाट्स चिल्ड्रेन- सलमान रश्दी
20. कितने पाकिस्तान- कमलेश्वर
21. तीसरी फसल- पी. साईंनाथ
22. पाकिस्तान पैराडॉक्स- क्रिस्टोफर जैफरलॉट
23. भारतनामा- सुनील खिलनानी
24. राजनीतिक दर्शन- NCERT
25. आज भी खरे हैं तालाब- अनुपम मिश्र
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